Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
Lord, if the ocean was churned as well as fatal poison emerged, out within your deep compassion for all, You drank the poison and saved the world from destruction. Your throat became blue, thus You are known as Nilakantha.
अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को Shiv chaisa अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ shiv chalisa in hindi हुआ।
बृहस्पतिदेव की कथा
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥